श्री कृष्ण अष्टोत्तर शतनामावली Sri Krishna Ashtottara Shatanamavali Hindi Lyrics is the 108 names mantra of Lord Krishna by hindu devotional blog. Sree Krishna is one of the most widely revered and most popular of all Indian divinities, worshipped as the eighth avatar of the Hindu god Vishnu.
श्री कृष्ण अष्टोत्तर शतनामावली
ऊँ श्री अनन्ताय नम:
ऊँ श्री आत्मवते नम:
ऊँ श्री अद्भुताय नम:
ऊँ श्री अव्यक्ताय नम:
ऊँ श्री अनिरुद्ध पितामहाय नम:
ऊँ श्री आत्मज्ञान निधये नम:
ऊँ श्री आद्यपते नम:
ऊँ श्री कालिन्दी पतये नम:
ऊँ श्री कंसारये नम:
ऊँ श्री कुब्जावकृत्य निमेवित्रे नम: 10
ऊँ श्री कालिय मर्दनाय नम:
ऊँ श्री कृष्णाय नम:
ऊँ श्री क्रियामूर्तये नम:
ऊँ श्री कालरूपाय नम:
ऊँ श्री किरीटिने नम:
ऊँ श्री गोपालाय नम:
ऊँ श्री गोप गोपी मुद्रावहाय नम:
ऊँ श्री गोपी गीत गुणोदयाय नम:
ऊँ श्री श्यामाय नम:
ऊँ श्री गोपी सौभाग्य सम्भवाय नम: 20
ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:
ऊँ श्री गीतानमित पादपाय नम:
ऊँ श्री गोपस्त्री वस्त्रदाय नम:
ऊँ श्री गोवर्धन धराय नम:
ऊँ श्री ज्ञानयज्ञ प्रियाये नम:
ऊँ श्री चाणूर हत्रें नम:
ऊँ श्री गुरुपुत्रे प्रदाय नम:
ऊँ श्री जरासन्ध मदापहाय नम:
ऊँ श्री गरूड़ वाहनाय नम:
ऊँ श्री कर्ण विभेदनाय नम: 30
ऊँ श्री पार्थप्रतीज्ञा पालकाय नम:
ऊँ श्री भीमसेन जय प्रदाय नम:
ऊँ श्री भीषणम बुद्धि प्रदाय नम:
ऊँ श्री परीक्षित प्राण रक्षणाय नम:
ऊँ श्री विपक्ष पक्ष क्षय कृते नम:
ऊँ श्री भीष्म शल्य व्यथापहाय नम:
ऊँ श्री प्रधुम्न जनकाय नम:
ऊँ श्री भद्राभर्त्रे नम:
ऊँ श्री नरकासुर विच्छेत्रे नम:
ऊँ श्री जाम्बन्ती प्रियाय नम: 40
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ऊँ श्री बाणासुर पुरी रोद्रध्रे नम:
ऊँ श्री मुचुकुन्द वर प्रदाय नम:
ऊँ श्री तृणावर्तासुर ध्वासिने नम:
ऊँ श्री त्रयीमूर्तये नम:
ऊँ श्री तापत्रय निवारणाय नम:
ऊँ श्री मित्रविन्दा नेत्र महोत्सवाय नम:
ऊँ श्री दानव मुक्तिदाय नम:
ऊँ श्री दधिमन्थ घटी त्रेत्त्रे नम:
ऊँ श्री देवदेवाय नम:
ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम: 50
ऊँ श्री द्वारकापुर कल्पनाय नम:
ऊँ श्री नाना क्रीडा परिच्छदाय नम:
ऊँ श्री नवनीत महाचोराय नम:
ऊँ श्री नन्दगोपोत्सव स्फूर्तये नम:
ऊँ श्री भक्तिगम्याय नम:
ऊँ श्री पीतवाससे नम:
ऊँ श्री पूतना स्तन पीड़नाय नम:
ऊँ श्री परम पावनाय नम:
ऊँ श्री प्रकृतये नम:
ऊँ श्री बकासुर ग्राहिणे नम: 60
ऊँ श्री बलिने नम:
ऊँ श्री बालाय नम:
ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:
ऊँ श्री महामंगलदायककाय नम:
ऊँ श्री विराट पुरुष विग्रहाय नम:
ऊँ श्री वेणूवादन तत्पराय नम:
ऊँ श्री परमानन्दनाय नम:
ऊँ श्री मुनिज्ञान प्रदाय नम:
ऊँ श्री मयदानव मोहनाय नम:
ऊँ श्री पांचाली मान रक्षणाय नम: 70
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ऊँ श्री दन्तवक्त्र निवर्हणाय नम:
ऊँ श्री राधाप्रेम सल्लापनि वृताय नम:
ऊँ श्री रूक्मणी जानये नम:
ऊँ श्री पार्थ सार्थ्य निरताय नम:
ऊँ श्री पद्मा स्थिताय नम:
ऊँ श्री पुराणाय नम:
ऊँ श्री लक्ष्मणा बल्लभाय नम:
ऊँ श्री तीर्थ पावनाय नम:
ऊँ श्री योगज्ञान नियोजकाय नम:
ऊँ श्री लीलाक्षाय नम: 80
ऊँ श्री स्तुति सन्तुष्ट मानसाय नम:
ऊँ श्री वल्लभाय नम:
ऊँ श्री वसुदेव सुताय नम:
ऊँ श्री वत्सलक्ष्मपक्षसे नम:
ऊँ श्री व्यापिने नम:
ऊँ श्री विश्वविमोहनाय नम:
ऊँ श्री वृन्दावन प्रियाय नम:
ऊँ श्री पौण्डूक प्राण हराय नम:
ऊँ श्री यशोदास्तन्य मुदिताय नम:
ऊँ श्री यमलार्जुन भन्जाय नम: 90
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ऊँ श्री यादवाय नम:
ऊँ श्री यमुना तट सच्चारिणे नम:
ऊँ श्री शोरये नम:
ऊँ श्री शेषशायिने नम:
ऊँ श्री सुखवासाय नम:
ऊँ श्री शंख चक्र गदा पद्मम पाणये नम:
ऊँ श्री शकटासुर भंजनाय नम:
ऊँ श्री सर्वदेवाय नम:
ऊँ श्री सुनन्द सुह्रदये नम:
ऊँ श्री श्री सर्वेश्वराय नम: 100
ऊँ श्री शंख चूड़शिरोहराय नम:
ऊँ श्री सत्राजित रत्न वाचकाय नम:
ऊँ श्री सत्यभामा प्रियाय नम:
ऊँ श्री षोदश स्त्री सहत्रेशाय नम:
ऊँ श्री षड़विशंकाय नम:
ऊँ श्री साम्ब जनकाय नम:
ऊँ श्री विदुरातिथ्य सन्तुष्टाय नम:
ऊँ श्री ब्रह्मवृक्ष वरच्छायासीनाय नम: 108
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